9 Out Of 10 Retail Investors (खुदरा निवेशक) घाटे मे?

9 Out Of 10 Retail Investors (खुदरा निवेशक) घाटे मे?

9 Out Of 10 Retail Investors जो फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में ट्रेड करते है वो हर एक को घाटा होता है ऐसा सेबी का कहना है । ऐसे इन्वेस्टर्स का औसत नुकसान 50 हजार रुपये है। इसी कड़ी को मद्देनजर रखते हुवे मैंने सोचा कुछ तथ्य आपके नजर करूं, कुछ इस ब्लॉग के माध्यम से आपने विचार साझा कर लूँ।

Demat अकाउंट और FinTech कंपनी

एक जमाना था आप को याद हो तो, Reliance Money का demat अकाउंट खोलना बडे अमीरों का या पेशेवर स्टॉक ट्रेडर्स का काम था।  मुझे याद है अकाउंट ओपन करने के लिए 11000 देने पड़ते थे। Reliance वाले आपको एक अंडाकार डिवाइसेस दिया करते उसमे कुछ सेकंड के लिए एक पिन नंबर आता। वो डालकर आप login कर सकते थे। कुछ बैंक भी demat अकाउंट ओपन करते थे लेकिन वो भी कुछ आसन नहीं था। हाल ही मे मेरा मित्र मुझे मिला और बोला मै भी अब स्टॉक ट्रेडिंग करने लगा हु। ज़ेरोधा (ट्रेडिंग App) मे अकाउंट खोला है free मे। ऑप्शन ट्रेडिंग F&O कर रहा हु। मैंने अपनी दोस्ती का भरम रखते हुवे सलाह देना चाही। कहा, लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करो, ज्यादा रिस्क मत लो। तो वो मुस्कुराता हुवा बोला रिस्क है तो इश्क है! और वो मुस्करा कर चला गया जैसे मुझे कह रहा था आप ने कोनसा तम्बू गाड लिया लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करके!आज कल ये free वाले fintech कंपनी का बोलबाला है। Zerodha, Upstock, Grow जैसे कई ऑप्शन free मे उपलब्द है। पेपरलेस अकाउंट ओपन हो जाता है। कोई कोई तो अनुवल फीस भी नहीं लेते है।

9 Out Of 10 Retail Investors को YouTube पर मिलता ग्यान

YouTube पर लेक्चर देनेवाले चानेल की भरमार भी एक कारन है इन रिटेल इन्वेस्टर के बाजार मे आने का। हर YouTuber अपने आप को बिग बुल साबित करने मे लगा पड़ा है। इन सब की बातो मे आकर कई न्यू रोबिन्हुड शेयर बाज़ार मे कूद जाते है। रातो रात पैसे कमाने ही लालूच फिर बर्बादी की तरफ ले जाती है। Derivatives Market: F&O (फ्यूचर एंड ऑप्शंस) को बाजार में काफी रिस्की माना जाता है। इस सेगमेंट में 90 फीसदी रिटेल इन्वेस्टर घाटा उठाते हैं, फिर भी इसमें उनकी भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

सेबी ने हाल ही में दी वॉर्निंग

9 Out Of 10 Retail Investors

यह स्थिति तब है, जब ऑप्शंस ट्रेडिंग को काफी रिस्की माना जाता है। बाजार नियामक सेबी लगातार इसे लेकर इन्वेस्टर्स को आगाह करते आ रहा है। सेबी ने इसी मई में सभी ब्रोकर्स को स्पष्ट निर्देश दिया था कि वे अपनी वेबसाइट पर रिटेल इन्वेस्टर्स को डेरिवेटिव ट्रेडिंग के जोखिम के बारे में सचेत करे। साथ ही सेबी ने हर डेरिवेटिव ऑर्डर के साथ भी वॉर्निंग लगाने के लिए कहा है।

अंतिम निष्कर्ष

मै तो कहना चाहूँगा की सभी 9 Out Of 10 Retail Investors को जिसके पास कुछ एक्स्ट्रा पैसा पड़ा है उसे इन्वेस्टमेंट जरुर करना चाहिए। अगर इक्विटी मे आपको रिस्क लगता है तो म्यूच्यूअल फण्ड या ETF मे आया ETF वाले इंडेक्स फंड मे पैसे लगा सकते है। मेरा हमेशा से ये मानना रहा है के म्अयूच्छेयूअल फण्ड के बजाएं इक्विटी मे ही इन्वेस्टमेंट करे क्यों की हम जिस कंपनी मे पैसा लगा रहे है उस पर निगरानी रख सकते है या अपनी सहूलियत के बिना पर पैसा किसी दूसरी कंपनी जिसमे प्रॉफिट हो रहा हो और कंपनी स्ट्रोंग होल्ड रखती हो उसमे लगायें। Profitable रिस्क free इंडेक्स वाली कंपनी मे रिस्क बहोत कम होता है ऐसे कम्पनी मे इन्वेस्टमेंट कर सकते है। सही और अछे इन्वेस्टर बन कर आप भी कुछ इस तरह कह सकते है:

ये माना जिन्दगी है चार दिन की

बहुत होते है यारो चार दिन भी …

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