The Global Inequality Report 2023: A Wake-Up Call

The Global Inequality Report 2023: A Wake-Up Call for India’s Social Harmony

The Global Inequality Report 2023 को जब मैंने देखा तो यकीं नहीं हुवा। ये रिपोर्ट हर भारतीय को सोचने पर मजबूर कर देगी। सचमे भारत को आर्थिक और सामाजिक बहोत लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। हमने देखा है गत कई वर्षो से सिर्फ भाषण बाजी और इवेंट हुवे है। कुछ हद तक काम हुवा भी है तो उसमे कुछ ख़ास लोगो की भागीदारी जरुर होती है। समावेशी विकास मे देश की तरक्की होती है समावेशी विकास न होता हो तो वह कुछ गिने चुने लोगोका विकास होता है, देश का नहीं। हमने देखा है हाल ही मे देश के हालात पर बहोत ही गंभीर रिपोर्ट्स आ रहे है जिस मे से कुछ का मै यहाँ जिक्र करूँगा।

The Global Inequality Report (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) 2023 रिपोर्ट

The Global Inequality Report हाल ही मे आई जिसमे भारत की रैंकिंग ने चिंता बढ़ा दी है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2023 रिपोर्ट में भारत 125 देशों में से 111वें स्थान पर है। यह भारत में भुखमरी की भयावहता को दर्शाता है। लगातार तिन सालो से भारत की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की जा रही है।

2022 में भारत की रैंक 107वें स्थान पर थी। जो की उसके पिछले साल की तुलना मे 6 अंक और लुड़क चुकी थी। पाकिस्तान,  नेपाल,  बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देश भी ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत से आगे है।  

दुनिया का हैप्पीनेस इंडेक्स 2023

देश मे बढ़ रहे शुगर बीपी के मरीजो की संख्या हो या हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का सिलसिला। इसकी बड़ी वजह है तनाव। देश मे हिन्दू  मुस्लिम का तनाव, नोकरी न होने का तनाव, बिज़नस मे मंदी का तनाव ऐसे कई कारन से तनाव बढ़ रहा है।

इसी बिच दुनिया का हैप्पीनेस इंडेक्स 2023 आया तो उसमे भारत दुनिया के सबसे कम खुशहाल देशों की सूचि मे कैसे रह सकता है। हमारा स्थान 136 देशो में से 126वें स्थान पर है जो  हैप्पीनेस इंडेक्स के अनुसार गत वर्ष, 2022 में 146 देशों में से भारत का स्थान 136 था। तो हम खुशहाली के मामले मे आसपास के पडोसी देशों जैसे नेपाल, चीन, बांग्लादेश और श्रीलंका से भी पीछे है।

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ऑक्सफैम इंडिया की 2023 रिपोर्ट

ऑक्सफैम इंडिया की 2023 रिपोर्ट, सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी

इस शीर्षक में छपे रिपोर्ट मे पाया गया कि भारत में अमीर और गरीब के बीच की जो खाई है और चौड़ी हो रही है। रिपोर्ट में पाया गया 5% भारतीयों के पास देश की 60% से अधिक संपत्ति है।

निचली 50% भारत के आबादी के पास केवल देश की 3% संपत्ति है।

भारत के सबसे अमीर (रिचेस्ट) 1% लोगों के पास अब देश की कुल संपत्ति का 40% से अधिक हिस्सा है।

The Global Inequality Report 2023 की कुछ बातें

फ्रांस के अर्थशास्त्री थॉमस पिकेट्टी समेत कई विशेषज्ञों के सहयोग से आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत देश अब दुनिया के सर्वाधिक असमानता (आमिर गरीब की दुरी) वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है।

#1. औसत रूप से एक भारतीय की वार्षिक आय 204000 रूपए है वहीं भारत में सबसे गरीब 50% लोग मात्र 53610 रुपए वार्षिक आय में गुजारा करते हैं।

#2. रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारत का मध्यम वर्ग भी गरीब ही है तथा इसकी आय राष्ट्रीय आय का 29% है।

#3. मोटे तोर पर कहें तो गरीबी सूचकांक के अनुसार भारत का 4 में 1 एक व्यक्ति गरीब है।

#4. भारत में 10% लोगों के पास राष्ट्रीय आय का 57%  और सिर्फ 1% लोगों के पास राष्ट्रीय आय की 22% संपत्ति है।

#5. वहीं सबसे गरीब 50% लोगों के पास मात्र 13% संपत्ति है।

निष्कर्ष

फ्रांस के अर्थशास्त्री थॉमस पिकेट्टी समेत कई विशेषज्ञों के सहयोग से आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आय के साथ-साथ भारतीय आय पर कोविड महामारी का प्रभाव पड़ा है। परंतु कोविड महामारी के पहले भी बडे पैमाने पर असमानता व्यापक रूप से स्थापित थी। असमानता (आमिर और गरीब की खाई) किसी भी लोकतंत्र लिए ठीक नहीं है। सरकार को चाहिए की हिन्दू मुस्लिम और देश मे बढ़ रही जातीय हिंसा को कम करे और देश मे साइंटिफिक टेम्पर को बढ़ाएं। देश मे ऐसा वातावरण निर्मित करने की आवश्यकता है जिससे सभी लोगों को आर्थिक वृद्धि तथा विकास का समान अवसर प्राप्त हो सके।

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