Retail Investors- रिटेल इन्वेस्टर का मतलब 2023 मे नुकसान ?

रिटेल इन्वेस्टर का मतलब नुकसान? – Retail Investors Means Lose?

Retail Investors (खुदरा निवेशकों )के लिए शेयर बाजार में पैसा ना कमाने के कई कारण हो सकते हैं। क्या कारन हो सकते है कैसे हो सकते है इसके कुछ मुख्य कारण को हम इस लेख मे समझेंगे: ज्ञान की कमी: शेयर बाजार एक विशेष और जटिल डोमेन है, जिसके लिए विज्ञान, बाजार विश्लेषण और मुद्रा बाजार की समझ की आवश्यकता होती है। यदि खुदरा (Retail) निवेशकों को इस क्षेत्र में अधिक जानकारी नहीं है, तो वे गलत निवेश कर सकते हैं या अनुभव की कमी के चलते उनकी पैसा बनाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

Retail Investors निवेश के लिए समय देना होगा:

निवेशकों को शेयर बाजार को चुनने और उसमें निवेश करने के लिए समय निकालना चाहिए। यदि खुदरा निवेशकों के पास पर्याप्त समय नहीं है, तो उन्हें बाजार  पर सक्रिय रहना, देश की वर्सतमान घरेलू उत्पाद दर और अच्छे निवेश अवसरों की पहचान करना मुश्किल हो सकता है।

जोखिम और अनिश्चितता:

शेयर बाजार में निवेश जोखिम के साथ आता है, और अनिश्चितता भी होती है। खुदरा निवेशकों को बहुत अधिक खोने का डर हो सकता है और वे अवसर चूक सकते हैं, या नहीं जानते कि कब और कैसे निवेश करना है।

ऑप्शंस ट्रेडिंग का माया जाल:

सोशल मीडिया पर ऑप्शंस ट्रेडिंग में ट्रेनिंग कोर्स की भरमार से भी लोगों को इस ओर खींचा है। lockdown के पीरियड मे कई नए खुदरा निवेशक बाजार मे आये, उनको बाजार की बोहोत कम जानकारी है।

हर सेकेंड औसतन करीब दो करोड़ रुपये के ऑप्शंस बेचे जाते हैं। ऐसे में यहां पैसा कौन बना रहा है? सेबी (SEBI) की एक स्टडी (Sebi Survey) से पता चलता है कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) 89 फीसदी व्यक्तिगत ट्रेडर (Traders) ने अपने पैसे गंवाए हैं। रेगुलेटर ने यह डेटा टॉप के 10 ब्रोकरेज के ट्रेडिंग डेटा की स्टडी कर जुटाया था। साल 2021-22 के दौरान औसतन घाटा प्रति रिटेल इन्वेस्टर 1.1 लाख रुपये रहा था। दिल्ली के एक मार्केटिंग प्रोफेशनल के मुताबिक, उन्होंने आठ महीने पहले ट्रेडिंग की शुरुआत की थी। अब तक वह मोटे तौर पर 25 हजार रुपये का नुकसान उठा चुके हैं। इससे घबराए बिना वह तब तक इस खेल में डटे रहना चाहते हैं जबतक उनके नुकसान की भरपाई नहीं हो जाती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है?

इंट्राडे ट्रेडिंग याने एक ही ट्रेडिंग दिन के अन्दर शेयरों की खरीद और बिक्री से है।यह अल्पकालिक व्यापार है जिसमें व्यापारी शेयर बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाते हैं और इस प्रकार वे मुनाफा कमाते हैं।

लेकिन एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में सफल होने के लिए किसी को यह जानना होगा कि तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाए और इंट्राडे ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के लिए अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को कैसे समझा जाए।

अंतिम निष्कर्ष:

इन मुद्दों से निपटने के लिए, Retail Investors के लिए अपने वित्तीय ज्ञान का विस्तार करना, बाजार की गतिविधियों पर लगातार नजर रखना और अपना समय लेना महत्वपूर्ण है। संशोधित निवेश रणनीति के साथ, यह निवेशकों को अपनी पैसा कमाने की क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकता है।

FAQ – सवाल और जवाल

Q. खुदरा निवेशक किसे कह सकते है?

निवेश के कई साधन मे कोई लाभ नहीं देख कुछ लोग शेयर मार्किट की तरफ आते है उन्हें हम खुदरा निवेशक कहते है चूंकि वे संस्थागत निवेशकों की तुलना में लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं। बैंक, एनबीएफसी, म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड और हेज फंड उदाहरण हैं।

Q. सेबी के अनुसार खुदरा निवेशक कौन है?

सेबी एक खुदरा निवेशक को ऐसे व्यक्ति के रूप में देखती है जिसका आईपीओ में Securities या स्टॉक के लिए आवेदन या बोली ₹ 2,00,000 से अधिक नहीं है और ₹ 2,00,000 से अधिक मूल्य के स्टॉक नहीं रखता या खरीदता नहीं है।

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